रुद्रपुर -  जिलाधिकारी डा0 पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं बाढ़ स्टेयरिंग ग्रुप की बैठक ली गई। मानसून को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने विभागों सहित तहसील स्तर पर आपदाओं से निपटने के लिए अभी तक की गई तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होने उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विभागों द्वारा अभी तक कार्ययोजना तैयार नही की गई है वह  तीन दिन के अन्दर कार्ययोजना तैयार कर भिजवाए। उन्होने आपदा प्रबन्धन अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे सभी विभागों के अधिकारियों को अपने विभाग में बुलाकर विभागीय कार्ययोजना व आपदा से निपटने के लिए विभागीय सुझाव ले। उन्होने बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों केे प्रति नाराजगी जाहिर की तथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
 
 जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों/मुख्य नगर अधिकारी/अधिशासी अधिकारी नगर पालिका व नगर पंचायत को निदेश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अभी भी जिन नदी व नालों की सफाई व्यवस्था नही हो पायी है, उनकी दस दिन के अन्दर सफाई करवाना सुनिश्चित करे। उन्होने जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डा0 अनिल शर्मा को निर्देश दिये कि किसी भी घटना से सम्बन्धित पूरी जानकारी अधिकारियो से मांगी जाए एवं अधूरी जानकारी को एकत्र न किया जाए तथा आपदा के कंट्रोल रूम के वायरलैस को दुरूस्त रखा जाय। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देेश दिये कि वे अपने मोबाइल 24 घंटे आॅन रखे अगर किसी भी अधिकारी का मोबाइल बन्द पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होने कहा 15 जून से तहसीलो के कंट्रोल रूम भी सक्रिय हो जाने चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा सभी उपजिलाधिकारी 15 जून से आपदा की रिपोर्ट नियमित रूप से प्रतिदिन जिला मुख्यालय कंट्रोल रूम में प्रेषित करेंगे। उन्हाने कहा आपदा के समय क्षतिग्रस्त होने वाली परिसम्पत्तियों की सूचना शीघ्र उपलब्ध कराये ताकि शासन को भी अवगत कराया जा सके।उन्होने कहा इन कार्यो में अमीनों की भी ड्यूटी लगाई जाय। उन्होने कहा जो नाले सडक से उपर बह रहे है, उनका लेबल ठीक किया जाय। उन्होने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में कार्य कर रहे ठेकेदारों के पास जो भी मशीने/पोकलैंड/जेसीबी है, उसकी सूचना होनी चाहिए ताकि आपदा के समय उन मशीनों से कार्य कराया जा सके। उन्होने कहा आपदा से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हिकरण करते हुए वहां बडे स्कूलों, पंचायत घर, बारातघर की जानकारी भी ले, ताकि आपदा के समय लोगो को उन स्थानों ठहराया जा सके। उन्होने कहा आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत जिन लोगो को ट्रेनिंग दी गई है उनमें से अच्छा कार्य करने वाले लोगो के नामों को सूचीबद्ध किया जाय, ताकि आपदा के समय उन लोेगांे से काम लिया जा सके।
जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन-जिन स्थानों पर पिछले वर्ष बरसात में पानी भरता था, उन स्थानों का स्वयं निरीक्षण कर उन स्थानो को दुरूस्त किया जाए। उन्होने कहा नालों से ओवरफ्लों की समस्या नही आनी चाहिए। उन्होने जल निगम व जन संस्थान के आधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समय-समय पर पानी के नमूनों की जांच की जाए। उन्होने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देेश देते हुए कहा कि आपदा के समय जलजनित रोग अधिक फैलने की संभावना होती है, इसलिए इस पर अंकुश लगाने के लिए अभी से ठोस कार्ययोजना बनायी जाए।
बैठक में विघायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, डा0प्रेम सिह राणा, मुख्य विकास अधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी दीप्ति वैश्य, आशीष भटगई, उपजिलाधिकारी विजय कुमार जोगडण्डे, पूरन राणा, ऋचा सिंह, तीरथ पाल सिंह, एचएस मर्तोलिया सहित अन्य विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।

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