भारत, शिक्षा से किसी भी समाज, शहर, राज्य, देश की उन्नति हो सकती है,  जनता की गरीबी दूर की जा सकती है, लेकिन हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था की ओर कोई भी नेता या पार्टी ध्यान नहीं दे रही। आज के तकनिकी युग में स्मार्ट क्लासों द्वारा निजी स्कूलों में शिक्षा दी जा रही है लेकिन सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा।  आज गरीब आदमी भी अपने बच्चों  को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहता। अमीर और माध्यम वर्ग के लोग तो पहले ही निजी स्कूलों की ओर रुख कर चुके है। 
अगर देश  का विकास करना है तो शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करके ही किया जा सकता है। यही एक रास्ता है जिससे देश में लाखों डॉक्टर, इंजिनियर, बिजनिसमेन बनाये जा सकते हैं। रोजगार पैदा किया जा सकता है। नेताओ, पार्टियों के साथ साथ निजी संस्थानों को भी देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए ओर शिक्षा का व्यापार न करके कम कीमत पर सभी को एक सामान शिक्षा दी जानी चाहिए। जिससे गरीब को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और पूरा देश विकास करेगा।
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