यह अधिनियम महिलाओ के संवेधानिक एवं कानूनी अधिकारों के सरक्षण के लिए भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया है । इस अधिनियम को पारित करने का उद्देश्य महिलाओं को घरेलू हिंसा से वचाना व उनके संवैधानिक अधिकारो की रक्षा करना है ।
घरेलू हिंसा क्या है ?
    इस अधिनियम के अनुसार घरेलू हिंसा का सम्बन्ध :-
* प्रतिवादी के किसी कार्य , लोप या आचरण से ही जिसमे व्यथित व्यक्ति के स्वास्थ्य , सुरक्षा , जीवन या किसी अंग को हानि या नुकसान हो । इसमे शारिरिक एवं मानसिक उत्पीडन , लैंगिक शोषण , मौखिक और भावनात्मक शोषण व आर्थिक उत्पीडन शामिल है । व्यथित व्यक्ति ओंर उसके किसी सम्बन्धी को दहेज या किसी अन्य सम्पत्ति की मांग के लिए हानि या नुकसान पहुचाना भी इसके अन्तर्गत आता है ।
         इस अधिनयम के अतर्गत केवल पत्नी ही नही बल्कि वहन , विधवा , माँ , अथवा परिवार के किसी भी सदस्य पर शारिरिक , मानसिक , लैंगिक , भावानात्मक एवं आर्थिक उत्पीडन को घरेलू हिंसा माना गया है ।



सौजन्य -
संजय रूहेला (अधिवक्ता) L L. M 
(काशीपुर बार एसोसिएशन) -संपर्क - 9927136750

A Digital Paper - www.adpaper.in & www.kashipurcity.com - न्यूज़, करियर , टेक्नोलोजी . #adigitalpaper