देश द्रोह के आरोप में जेल से बेल मिलने के बाद कन्हैया कुमार ने कोलेज
केम्पस में जानदार भाषण देकर बड़े बड़े नेताओं के पसीने बहा दिए , कन्हैया
कुमार ने गरीबी से आजादी, पूंजीवाद से आजादी, भ्रष्टाचार से आजादी के नारे
लगाए और बहुत सारे नेताओं का दिल जीत लिया, जिसमे राहुल गांधी, अरविन्द
केजरीवाल, नितीश कुमार, दिग्विजय सिंह, सीताराम येचुरी आदि बड़े नेता है,
जिन्हें कन्हैया कुमार का भाषण में सच्चाई
नजर आई, लेकिन बहुत सारे नेता ये भूल गए की कन्हैया कुमार उन्ही नेताओं की
सरकारों के राज में बड़ी गरीबी, भ्रष्टाचार, पूँजी वाद की बात कर रहें हैं,
आने वाले दिनों में जब कन्हैया कुमार जैसे छात्र अपनी ऊँगली इन्ही नेताओं
के की ओर कर देंगे तो क्या होगा ऐसे नेताओं का?
चलो यह तो बाद की बात है कन्हैया कुमार ने अपने भाषण में एक बात और कही की वो चाहते हैं की चपरासी का बेटा उसी स्कूल में पढ़े जिस स्कूल में राष्ट्रपति का बेटा पढता है, इस बात में बहुत दम है . अगर कन्हैया कुमार के समर्थन में आये नेताओं को उसकी सभी बाते पसदं आई तो इस बात पर ठोस कदम उठाने के लिए पहल कर देनी चाहिए, सभी नेताओं को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए भेज देना चाहिए - आजकल एडमिशन भी शुरू हो गए हैं, सभी सरकारी कर्मचारियों को भी सरकारी स्कूलों में अपने बच्चो का एडमिशन करवा देना चाहिए , यह काम जितना जल्दी हो सके उतना अच्छा होगा , हम भी देखना चाहते हैं की कन्हैया कुमार की इस बात को धरातल पर लाने के लिए कितने नेता सबसे पहले आगे आते हैं या सब नाटक कर रहे हैं
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