भारत में अमीर और गरीब के बीच की खाई इतनी बड़ी है की कोई एक आदमी या एक पार्टी या कोई एक संगठन उसको अकेले नहीं भर सकता , लेकिन हमारे नेता हमेशा विरोध की राजनीति करते दिखाई देते हैं, गरीब लोगों की भलाई के लिए किये गए कार्यों में भी कोई ना कोई कमी निकालकर उसका जमकर विरोध किया जाता है , आजकल संसद में ही देख लें जी एस टी और जमीन अधिग्रहण जैसे बिल से जनता को बहुत लाभ हो सकता है लेकिन उसमें कमियां निकालकर कोंग्रेस विरोध कर रही है जबकि कोंग्रेस ही इस बिल को पास करवाना चाहती थी, लेकिन क्या करे विरोध की राजनीति जो करनी है, जैसे बीजेपी ने मनरेगा का विरोध किया था ,
इसी प्रकार आजकल मेक इन इण्डिया का मजाक बनाकर कोंग्रेस के नेता अपने देश के लोगों के स्वाभिमान का मजाक बना रहे है , अगर बीजेपी सरकार मेक इन इण्डिया को बढावा देना चाहती है तो इससे देश का ही भला होगा, विरोध की राजनीति के कारण कोंग्रेस अपने देश की प्रगति तो रोक ही रही है और साथ में देश - विदेश के लोगों तक यह सन्देश देना चाहती है की मेक इन इण्डिया एक धोखा है कोई इस पर विशवास करके हिन्दुस्तान में कोई उद्योग ना लागाये , हद हो गई राजनीति की ,
इसी प्रकार आजकल मेक इन इण्डिया का मजाक बनाकर कोंग्रेस के नेता अपने देश के लोगों के स्वाभिमान का मजाक बना रहे है , अगर बीजेपी सरकार मेक इन इण्डिया को बढावा देना चाहती है तो इससे देश का ही भला होगा, विरोध की राजनीति के कारण कोंग्रेस अपने देश की प्रगति तो रोक ही रही है और साथ में देश - विदेश के लोगों तक यह सन्देश देना चाहती है की मेक इन इण्डिया एक धोखा है कोई इस पर विशवास करके हिन्दुस्तान में कोई उद्योग ना लागाये , हद हो गई राजनीति की ,
A Digital Paper - www.adpaper.in & www.kashipurcity.com - न्यूज़, करियर , टेक्नोलोजी . #adigitalpaper
Follow us