रुद्रपुर 16 जून - 16 जून, 2013 को प्रदेश के केदारनाथ में आयी भीषण आपदा की स्मृति में आज कलक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में
जिलाधिकारी डाॅ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में ’’आपदा न्यूनीकरण
दिवस‘‘ मनाया गया। बरसात के मौसम को दृश्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने
अधिकारियों को आपदा से निपटने हेतु सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के साथ ही
आपदा से निपटने हेतु आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। इस अवसर पर प्रोजेक्टर के
माध्यम से 16 जून 2013 को केदारनाथ में आयी भीशण आपदा पर डाक्यूमंेट्री
फिल्म का भी प्रदर्षन किया गया ताकि वास्तविक परिस्थिति का अवलोकन कर आपदा
से निपटने की सीख ली जा सके। इस अवसर पर सभी अधिकारियों/ कर्मचारियों
द्वारा केदारनाथ आपदा में मारे गये लोगों की आत्मा की षान्ति के लिए दो
मिनट का मौन रखा गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि 2013 में केदारनाथ में
आयी आपदा की चपेट में आने से प्रदेष का लगभग 40 से 45 प्रतिषत हिस्सा
प्रभावित हुआ था जिसमें भारी जानमाल की क्षति हुई थी। इस आपदा से सीख लेते
हुए हमें हर पल सचेत रहने की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार
की आपदा से निपटने के लिए रोकथाम व विभागों के बीच सूचना का आदान-प्रदान
सुचारु रुप से होना बेहद जरुरी है, इसलिए सभी विभाग मानव संसाधन सहित मानव
निर्मित संसाधनों को चुस्त-दुरुस्त रखना सुनिष्चित करें। उन्होंने जिला
आपदा प्रबन्धन अधिकारी को निर्देष दिये कि वह जिलाधिकारी की तरफ से सभी
विभागाध्यक्षों/कार्यालयाध्यक् षों हेतु आदेष निकलवा दें कि आपदा के
दौरान सभी विभागाध्यक्ष/कार्यालाध्यक्ष अपने-अपने विभाग के नोडल अधिकारी
रहेगें तथा आपदा के दौरान सभी प्रकार की व्यस्थाओं की जिम्मेदारी सम्बन्धित
विभाग के अध्यक्षों की होगी। साथ ही सभी अधिकरियों के फोन 24 घण्टे खूले
रहें। किसी भी अधिकारी द्वारा फोन स्चिच आॅफ न रखा जाय। उन्होंने सभी उप
जिलाधिकारियों को निर्देष दिये कि वे षीघ्र अपने-अपने क्षेत्रों का सर्वे
कर सडकों के किनारे लगे उन पेडों का चिह्नीकरण करें जो लम्बी आयु पार कर
चुके हैं तथा जिनके टूटने या गिरने की आषंका है। इन पेडों का चिह्नीकरण
करते हुए वन विभाग से समन्वय स्थापित कर तत्काल ही इन पेडों को कटवा दें
ताकि आंधी तूफान के दौरान पेडों के टूटने/गिरने से वाह्नों का आवागमन बाधित
न हो साथ ही सडक दुर्घटनाओं से बचा सके। उन्होंने कहा कि पेडों के कटान
कार्य को तीव्र गति से किया जाये इसमें किसी प्रकार कोताही बर्दाष्त नहीं
की जायेगी। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देष दिये कि जनपद के जिन
क्षेत्रों में बाढ आने की सम्भावना है उन क्षेत्रों में लोगों को षिफ्टि
किये जाने वाले स्थानों का चिह्नीकरण करने के साथ ही भोजन पानी की व्यवस्था
भी दुरुस्त रखी जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी आपदा के आने पर षुरु के
01 घण्टे के भीतर की गई कार्यवाही अत्यन्त तहत्वपूर्ण है, क्योंकि इस अवधि
में कई जिन्दगियों को बचाया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य, लोनिवि,
विद्युत, जल एवं दूर संचार विभागों के अधिकारियों को निर्देष दिये कि वे
आपदा के आने पर आरम्भ के 01 घण्टे के भीतर सम्पन्न किये जाने वाले कार्याें
की योजना बनाकर प्रस्तुत करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को
निर्देष दिये कि सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर
प्राथमिक उपचार से सम्बन्धित सामग्री के किट तैयार रखे जायें ताकि जरुरत
पडने पर षीघ्र उपलब्ध कराये जा सकें। उन्होंने सीएमओ को निर्देष दिये कि
सभी एसडीएम/तहसीलदारों एवं पुलिस वाह्नों में प्राथमिक उपचार सामग्री के
किट रखें जायें ताकि राहत एवं बचाव कार्य तीव्रता किये जा सकें।
इस अवसर पर एडीएम दीप्ति वैष्य व रवनीत चीमा, जिला विकास अधिकारी आरसी
तिवारी, एसडीएम एपी वाजपेयी, सीएमओ एचके जोषी, मुख्य कोशाधिकारी तृप्ति
श्रीवास्तव, मुख्य पषु चिकित्साधिकारी रविन्द्र चन्द्रा, ईई लोनिवि अषोक
कुमार, ईई जल संस्स्थान तरुण षर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी
उपस्थित थे।
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