काशीपुर।
कहते हैं स्कूल ज्ञान का मंदिर होते हैं, और अगर प्रशासन और शिक्षा विभाग
ही ज्ञान के मंदिर को बंद करने पर उतारू हो जाये तो बच्चों और देश के
भविष्य का क्या होगा, जिसका एक जीता जागता उदाहरण काशीपुर के शिक्षा विभाग
द्वारा सामने आया। जिसने एक प्रतिष्ठित दशमेश पब्लिक स्कूल को बिना
किसी नोटिस के पुलिस का डर दिखाकर बंद करवा दिया और गरीब बच्चों के भविष्य
से भी खिलवाड़ किया। जबकि दुसरे स्कूलों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जो
की गैर मान्यता प्राप्त हैं ।
स्कूल के प्रबंधक ने अपने साक्षात्कार में हमें बताया की उन्होंने स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के लिए 2014 में ही पूरी कोशिश की थी और 10 हजार रूपये की रसीद भी कटवाई थी लेकिन ब्लाक शिक्षा विभाग ने उनके जमा किये हुए कागज़ लापरवाही से इधर उधर कर दिए और घूस देने के लिए उन्हें मजबूर किया गया।
इस प्रकार शिक्षा विभाग के अत्याचारी अधिकारी कॉंग्रेस उत्तराखंड सरकार को बदनाम करने में लगें हैं और कंग्रेस मुक्त उत्तराखंड का बीजेपी का सपना पूर्ण करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे ,
काशीपुर के सम्मानित कोंग्रेसी नेता जो इतनी मेहनत कर रहे हैं और अपनी पार्टी का सम्मान बढाने के लिए जी जान से लगे हैं उन पर पानी फेरने वाले इन अधिकारीयों को सख्त सजा नहीं मिली तो कोंग्रेस के किसी नेता को कोई वोट नहीं नहीं देगा। अधिकारियों की करनी का फल कोंग्रेस के नेताओ को उठाना पड़ेगा।
हम बीजेपी और दूसरी पार्टियों के नेताओं से भी अपील करते है वह भी इन भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दिलवाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें और शिक्षा के मंदिरों को बचाने के लिए आगे आये।
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